बांग्लादेश में हिंदू समर्थक अर्थशास्त्री अबुल बरकत गिरफ्तार, कहा था- देश में 2046 तक हिंदू नहीं बचेंगे
Gargachary Times
12 July 2025, 21:16
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बांग्लादेश में मशहूर अर्थशास्त्री अबुल बरकत को भ्रष्टाचार से जुड़े एक मामले में शुक्रवार को जेल भेज दिया गया। ढाका ट्रिब्यून के मुताबिक 20 से ज्यादा पुलिसकर्मियों ने गुरुवार देर रात बरकत के घर पर छापा मारा था। इसके बाद उन्हें हिरासत में ले लिया गया।
बरकत चार दशकों तक ढाका विश्वविद्यालय में पढ़ा चुके हैं। उन्हें 2009 में PM शेख हसीना के शासनकाल में जनता बैंक का अध्यक्ष बनाया गया था। वे हिंदू अल्पसंख्यकों की वकालत के लिए भी जाने जाते हैं। बरकत ने कट्टरपंथी इस्लामी विचारधाराओं, विशेषकर जमात-ए-इस्लामी जैसी ताकतों की खुलकर आलोचना की है।
बरकत ने साल 2016 में चेतावनी दी थी कि अगर अल्पसंख्यकों पर हमले और उनकी संपत्तियों पर अवैध कब्जा जारी रहा, तो आने वाले 30 वर्षों में बांग्लादेश में एक भी हिंदू नहीं बचेगा। उनका यह बयान बांग्लादेश में काफी चर्चित हुआ था और कुछ हलकों में विवादित भी था।
बैंक से जुड़े 225 करोड़ के भ्रष्टाचार का मामला
अबुल बरकत पर आरोप है कि उन्होंने अपने कार्यकाल में रेडीमेड गारमेंट कंपनी ‘एनॉनटेक्स ग्रुप’ को गलत तरीके से कर्ज दिलवाने में मदद की और जनता बैंक से जुड़े 2.97 अरब टका (लगभग 225 करोड़ रुपए) का गबन किया।
बांग्लादेश के भ्रष्टाचार निरोधक आयोग (ACC) ने इस मामले में उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। जांच एजेंसी का आरोप है कि बरकत ने फर्जी दस्तावेज बनाए, काल्पनिक इमारतों और फैक्ट्रियों के नाम पर लोन पास करवाए और खरीदी गई जमीन की कीमत जानबूझकर बहुत अधिक दर्शाई ताकि ज्यादा लोन मिल सके।
इस मामले में अबुल बरकत समेत कुल 23 लोगों को आरोपी बनाया गया है, जिनमें बांग्लादेश बैंक के पूर्व गवर्नर अतीउर रहमान का नाम भी शामिल है। शुक्रवार को कोर्ट में पेशी के दौरान एसीसी ने तीन दिन की रिमांड की मांग की, जबकि बचाव पक्ष ने जमानत की याचिका दाखिल की। अदालत ने फिलहाल दोनों याचिकाओं पर कोई फैसला नहीं सुनाया और तब तक के लिए बरकत को जेल भेजने का आदेश दिया।