“भारत और सनातन धर्म अलग नहीं, धर्म कमजोर होगा तो भारत भी कमजोर होगा” – शंकराचार्य अमृतानंद जी

Gargachary Times 6 September 2025, 20:27 170 views
Agra News
“भारत और सनातन धर्म अलग नहीं, धर्म कमजोर होगा तो भारत भी कमजोर होगा” – शंकराचार्य अमृतानंद जी
भारत रक्षा मंच के चतुर्थ अखिल भारतीय अधिवेशन के द्वितीय दिवस में साधु-संतों और विचारकों के ओजस्वी उद्बोधनों ने वातावरण को धर्ममय और राष्ट्रभक्ति से ओतप्रोत कर दिया। शनिवार को गुरुद्वारा गुरु का ताल में चल रहे राष्ट्रीय अधिवेशन का दीप प्रज्वलन कर शुभारंभ करते हुए शारदा पीठ कश्मीर के शंकराचार्य स्वामी अमृतानंद जी ने कहा कि भारत शब्द में ही भारतीय परंपरा निहित है, भारत का अर्थ स्वयं में प्रकाश है। किंतु आज चारों दिशाएँ असुरक्षित हैं और इसका मुख्य कारण जनसंख्या असंतुलन है। सनातन धर्म और भारत अलग नहीं हैं। यदि सनातन धर्म कमजोर होगा तो भारत भी कमजोर होगा। भारत की मजबूती, अखंडता और दृढ़ता तभी संभव है जब सनातन धर्म बलशाली बने। भारत रक्षा मंच के संस्थापक और राष्ट्रीय संयोजक सूर्यकांत केलकर ने कहा कि स्वामी विवेकानंद और छत्रपति शिवाजी का जीवन हर भारतीय के लिए आदर्श है। विषम परिस्थितियों में भी शिवाजी ने हिंदुत्व का त्याग नहीं किया, बल्कि पूरे राष्ट्र में भगवा ध्वज फहराया। आज भी निश्चित रूप से हिंदुत्व की जीत होगी, किंतु इसके लिए हमें जागना होगा। उन्होंने कहा कि1947 तक तमाम अत्याचारों के बावजूद केवल 22% ही हिंदू धर्मांतरण कर मुस्लिम बने। 1991 तक देश में हिंदुओं की संख्या 85% थी, जो 2011 आते-आते 79.8% रह गई। दिल्ली कॉमनवेल्थ गेम्स के दौरान बांग्लादेशी घुसपैठियों को निर्माण कार्य के नाम पर बसाया गया, जो आज भी बड़ी चुनौती बने हुए हैं। राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. सत्यनारायण जटिया ने कहा कि समय की पुकार है कि हिंदू क्रांति फिर जागेगी। हमें अपनी भावी पीढ़ी को तैयार करना होगा। सुभाषचंद्र बोस, चंद्रशेखर आज़ाद और भगत सिंह के हर शब्द को शाश्वत सत्य मानकर आगे बढ़ना होगा। प्रतिवर्ष लगभग 20,000 मुसलमान पासपोर्ट लेकर भारत आते हैं और वीजा समाप्त होने के बाद भी वापस नहीं जाते, यह राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से गंभीर चुनौती है।