हिंदी दिवस पर गूंजा हिंदी का स्वर, वैश्विक मंच पर हिंदी की बढ़ती ताक़त पर हुआ विमर्श

Gargachary Times 13 September 2025, 20:37 79 views
Agra News
हिंदी दिवस पर गूंजा हिंदी का स्वर, वैश्विक मंच पर हिंदी की बढ़ती ताक़त पर हुआ विमर्श
आगरा। “हिंदी केवल अभिव्यक्ति का माध्यम नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति और अस्मिता की पहचान है।” इसी संदेश के साथ बाग फरजाना स्थित संस्कृति भवन में हिंदी दिवस की पूर्व बेला पर डॉ बीआर आंबेडकर विश्वविद्यालय के तत्वावधान में शब्दोत्सव फाउंडेशन, तारक सेवा संस्था वाराणसी, बयार फाउंडेशन लखनऊ और कैरियर मैपर संस्था लखनऊ के सहयोग से भव्य समारोह संपन्न हुआ। समारोह की अध्यक्षता डॉ. राजेंद्र मिलन ने की। कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलन से हुआ। डॉ. रुचि चतुर्वेदी, अंतरराष्ट्रीय कवयित्री एवं हिंदी सलाहकार समिति की सदस्य ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की। इस अवसर पर वैश्विक परिदृश्य में हिंदी की दशा और दिशा विषय पर विचार रखते हुए प्रो. हरिवंश पांडे ने कहा कि “दुनिया हिंदी को पूरे मन से स्वीकार कर रही है, और बाजारवाद के इस युग में हिंदी की उपयोगिता और भी बढ़ गई है।” डॉ. अनुपम श्रीवास्तव ने डिजिटल युग की चुनौतियों पर चर्चा करते हुए कहा कि “वैश्विक स्तर पर हिंदी को स्थापित करने के लिए हमें आक्रामक और संगठित प्रयास करने होंगे।” डॉ. अंकिता तिवारी (असिस्टेंट प्रोफेसर, बी.डी. जैन गर्ल्स पी.जी. कॉलेज, आगरा) ने विस्तार से हिंदी की वैश्विक स्थिति और संभावनाओं का वर्णन किया। कार्यक्रम अध्यक्ष डॉ. राजेंद्र मिलन ने संस्मरण सुनाते हुए चर्चित कृति कितने पाकिस्तान का उल्लेख किया और हिंदी की सामयिक प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला। वहीं, प्रो. उमापति दीक्षित (विभागाध्यक्ष, सांध्यकालीन पाठ्यक्रम, केंद्रीय हिंदी संस्थान) ने कहा कि हिंदी दिवस पर विद्यालयों के प्रवक्ताओं और रचनाकारों की उपस्थिति इस बात का प्रमाण है कि हिंदी के प्रति समाज की जागरूकता निरंतर बढ़ रही है। समारोह में डॉ. राहुल राज, आचार्य उमाशंकर पाराशर, डॉ. बृज बिहारी लाल बिरजू, चंद्रशेखर शर्मा, विनय बंसल, डॉ. राजीव शर्मा, कामेश सनसनी, अतुल दुबे, राकेश निर्मल, नूतन अग्रवाल ज्योति, हरीश भदौरिया, डॉ. यशोयश, रामेन्द्र रवी, कुमारी पूजा तोमर, डॉ. मुक्ता सिकरवार, डॉ. असीम आनंद, प्रो. आन्शवना सक्सेना आदि ने अपनी रचनाओं और विचारों से हिंदी के स्वर को समृद्ध किया। इस अवसर पर तरुण कुमार घोष, जसवीर सिंह, जसवीर धाकरे, पंडित प्रेम प्रकाश, अरुणेंद्र तिवारी आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन सुशील सरित ने किया और धन्यवाद ज्ञापन प्रो. उमापति दीक्षित ने किया। समारोह के अंत में विश्वविद्यालय की ओर से प्रो. लवकुश मिश्रा ने सभी प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र प्रदान किए।